साझा व्यवसाय साझी खेती

अख्तर मिस्त्री निवासी कोंच जनपद जालौन, जिनकी कोच गल्लामंडी के पास मेन रोड पर दुकान है यह गाड़ी सही करने का काम करते है, यह बताते है कि हम और लक्ष्मी लगभग 10 साल पहले सद्पुरा में अंसारी मिस्त्री के यहाँ काम करते थे इसी दौरान हम दोनों अलग दुकान करने को सोचा तभी से हम लोगो ने मिलकर यहाँ दुकान कर ली साथ काम करते है किसी प्रकार की कोई समस्या नही है मेरे चार बेटे व तीन बेटियां हैं बेटे ऑटो चलाते हैं लक्ष्मी के एक बेटा व एक बेटी है । दुकान पर हम दोनों एक साथ खाना खाते हैं एक दूसरे के यहाँ जब कोई कार्यक्रम होता है तो हम लोग घर की तरह सभी सदस्य जाते हैं त्योहारों में भी एक दूसरे को बुलाते है!

रामसिंह निवासी नदीगांव ने बताया कि हमारे पिताजी का नाम श्री मेहरवान सिंह था हम तीन भाई है लगभग 40 साल पहले फसल की सिंचाई के लिये कोई साधन नही था तभी मैने सिचाई के लिये डीजल पम्प खरीदा लेकिन एक दिन डीज़ल पम्प खराब हो गया उस समय ज्यादा मिस्त्री नही होते थे हमारे रिश्तेदार ग्राम लोहाई के थे जो इंजन सही करना जानते थे गांव 6 किलोमीटर दूर था सीधे पैदल खेतो से होकर आते थे दो दिन हो गये थे सही करते करते लेकिन इंजन सही नही हो पाया था जब तीसरे दिन सही करने आ रहे थे, बीच मे रास्ते में खलीलखान का खेत था वह देखते थे,  

दो दिन से यह निकलते हैं कहाँ जाते हैं तीसरे दिन खलील ने अपने खेत पर बुलाया और पूछा कि आप कहां जाते हो तब रिश्तेदार ने बताया कि रामसिंह का इंजन खराब हो गया है उसे सही करने जाते हैं लेकिन सही नही हो रहा है तब खलील खान ने कहा चलो हम देखते हैं आकर देखा व सही कर दिया तभी से हम दोनों में मित्रता हो गयी एक दूसरे के शादी विवाह, त्यौहार में आनाजाना शुरू हो गया लगभग 10 साल बाद हम दोनों ने अपने अपने पिताजी के नाम से 7 बीघा खेत खरीदा कुछ दिन बाद साथ मिलकर ट्रैक्टर लिया साथ खेती करते रहे हम तीन भाई हैं व खलील भाई भी तीन भाई है इस तरह दोनों लोग 6 लोग हैं अब सभी लोगों ने तय किया है कि एक वर्ष एक भाई खेती करेगे इस प्रकार अब 6 वर्ष में 6 भाइयो का नम्बर आ जाता है , खेती का बटवारा नही किया है !

जगपाल सिंह 




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